कल शाम

कल शाम

DISCLAIMER: ALL NAMES AND INCIDENTS ARE FICTITIOUS, blah blah and more blah is mere co-incidence.

Hey guys, how are you doing? I hope everything is good. Here’s something again for the Hindi lovers. Written with love. Hope you all like this too.

Also follow me on FacebookInstagramTwitterQuoraTumblr and Pinterest and also this site to get the latest updates. You can also drop me a message on any platform to give your reviews.

 

कल शाम

कल शाम जब तुम नज़र आई
तो एक बात ध्यान में आई
चाहा कितनी शिद्दत से तुम्हें
क्या ख़ूब थी वो  खुदाई

अरसा भले ही हो गया हो
बात किए हमें मगर,
तुम्हारी वो मुस्कान देख कर
पागल आज भी हो जाता है ये दिल दरबदर

याद तो होंगी तुम्हें वो शामें
बीती थी जो मेरी बाहों में
वो लम्हे सारे साथ हमारे
वो छेडना चलते राहों में

वो प्यारी सी मुस्कान तेरी
वो हँस जाना यूंही किसी बात पर
हर अदा जो तेरी खूबसूरत थी
जिसने काबू पाया मेरे जज़्बात पर

इश्क़ जो हुआ था तुमसे
उसकी हद नहीं थी कोई
वो शाम मैं भूल पाऊँगा नहीं
जब तुम मेरे कंधे पर सिर रख के थी सोयी

मनमोहक हर अदा तेरी
जिसने प्यार सिखाया था मुझे
हर रिश्ता निभाया जाता है कैसे
ये भी तुमने ही तो बताया था मुझे

वो रूठ जाना तेरा
और फिर मेरा मनाना
न जाने हुआ कैसे
पर वो इश्क़ था काफ़िराना

फिर न जाने क्या हुआ
एक दिन बिलकुल न मानी तुम
मैं समझता रहा पर न समझी
कि रही थी नादानी तुम

इश्क़ में तुम्हारे मैं
हदों से था गुजरा
पर जब छोड़ा तुमने
साथ था हमारी यादों का हर एक कतरा

चाहत ने तुम्हारी बदलने नहीं दिया
और महसूस न होने दी उन यादों ने तनहाई
कल शाम जब तुम आई
तो एक बात ध्यान में आई।

 

Do share with you loved ones and the ones you can relate this with.

Lots of LOVE

 

Read Another Hindi Poem – Mat Jana Tum

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top